गरीब का बेटा
मेरी सबसे पहली कविताओं में से एक जो मैंने शायद २००२ में लिखी थी |आज के समय के हिसाब से थोड़े-बहुत परिवर्तन किये हैं | एक मध्यम-वर्गीय लड़के कि दुविधा जो दुनिया के अमीरों को देख कर खुद को गरीब समझता है |
गरीब का बेटा
मैं एक गरीब का बेटा हूँ,
महँगे मोबाइल afford नहीं कर सकता,
इसलिए Nokia के सस्ते smartphones से काम चला रहा हूँ |
पैसों की तंगी के कारण,
Puma के जूते नहीं खरीद सकता,
इसलिए Reebok के सस्ते जूते पहनता हूँ |
अमेरिका, यूरोप में छुट्टियां मनाना तो बस सपनों में हो सकता है,
अभी तो जैसे-तैसे मलेशिया घूम के आता हूँ |
Mercedes जैसी बड़ी कारें तो बूते के बाहर हैं,
यहाँ तो i10 जैसी छोटी कारें ही चलाने को मिलती हैं |
ये अमीर सारे,
हम गरीबों का शोषण करते हैं |
महँगी चीज़ें खरीदते हैं हमें चिढाने को
जब हम सस्ती चीज़ों से गुज़ारा कर रहे हैं|
ये अमीर नहीं जानते
जो मजा गरीबी में है,
वो अमीरी में कहाँ है!
जो नशा Blender's Pride में है,
किसी Johnny Walker में कहाँ है |
उनके कपडे भले ही Dry Clean होते होंगे
पर अपने कपड़ों कि गन्दगी के लिए -
Surf Excel है ना !
LOL... :P
ReplyDeleteबहुत खूब।
ReplyDeletedhanyawaad gautam bhaiya.. thanks Raushan!
ReplyDeletebahut khoob...
ReplyDeletebahut hi bekaar hai..I like the original one!
ReplyDeletearay bhaiya
ReplyDeleteye to hum gariboan ka sosan hai.
aap i-10, to hum alto hi chadna padega.