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तुम हो साथी और मंज़िल भी

तुम हो साथी और मंज़िल भी, तुम दीपक हो और सूरज भी । तुम चंदा हो और तारे हो , तुम थोड़े हो, तुम सारे हो । मेरी धरती भी तुम ही हो , और तुम आकाश भी मेरा  हो , मेरा सब अँधियारा हो तुम , और सब प्रकाश भी तुम ही हो । तुम मेरी हो, मेरे ऊपर, सारा अधिकार तुम्हारा है । मेरी धरती, मेरा जीवन, सारा ब्रह्मांड तुम्हारा है ।