जो तुमको ना देखा
सारी दुनिया से बातें कर ली तुमसे बात नहीं की तो सब कुछ खाली लगता है । सब के साथ हंसा किया और सब के साथ जाने कितने चुटकुले सुने-सुनाये । कितने खूब नज़ारे देखे, कितने किस्से सुने-सुनाये । लेकिन फिर भी अंतिम में, अपने बिस्तर पे लेटे, सोने से कुछ पहले पाया - सब कुछ बेमानी सा है और सब कुछ खाली-खाली है जो तुमसे बात नहीं की । फ़िल्मों में देखा कोई जब सुन्दर लड़की, सुन्दर कपड़ों में, सझी-धजी श्रृंगारित । बीच में बागों के, फूलों में खड़ी हुई प्रफुल्लित; जैसे स्वर्ग से आयी परी हुई। उसको देखा और खुद में देखा। फिर सोचा, जब चाँद के नीचे, खाट पे लेटे सोने से पहले, तुमको ना देखा, ना कोई तस्वीर ही देखी, तो पाया कि सब कुछ बेमानी सा है और सब कुछ खाली-खाली है - जो तुमको ना देखा ।